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Sunday, April 12, 2020

Ramnavmi aur Chaitra Navratra ke Jharkhand village ka riwaaj ka 4K VIDEO



 रामनवमी और चैत्र नवरात्र के झारखण्ड के गांव के रिवाज शायद ही देखें होंगे।

Wednesday, March 18, 2020

मंदार पर्वत एक ऐतिहासिक पौराणिक दृश्य पर्यटक स्थल

मंदार पर्वत हिन्दुओं का आध्यात्मिकता का प्रसंशनीय स्थल 

मंदार पर्वत हिन्दुओं का पवित्र धार्मिक स्थल है , पौराणिक पुराण कथा के अनुसार कहा जाता है कि यह धार्मिक स्थल हिन्दुओं के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण माना गया है , पुराणों के अनुसार मंदार पर्वत को समुन्द्र मंथन में उपयोग किया गया था।  मंदार पर्वत को मन्थनी और शेषनाग जो विशाल सर्प को मन्थनी में रस्सी के रूप में उपयोग किया गया था। कहा जाता है उस समुन्द्र मंथन में चौदह रत्न की प्राप्ति हुई थी। जिसमे हलाहल विष , लक्ष्मी , विस्रेसरोवा नामक घोडा जो की सात सिर का मन जाता है, ऐरावत हाथी , सारंग धनुष , अमृत और भी न जाने पुराणों में कई वर्णन मिलता है।  मंदार पर्वत में आप समुन्द्र मंथन किये गए को आप कला के रूप में देख सकते है। यहाँ आप देखेंगे सीता कुंड जहाँ सीता स्नान करती थी। यहाँ और कई पुराणिक वस्तुओं को भी देख सकेंगे। यहाँ आप पहाड़ पर चढाई कर सकते हैं, और पर्यावरण का पूरा आनंद ले सकते हैं। इस नजारा को देखकर आप इतिहास की कल्पना कर करने लग जाएंगे। और ज्यादा जानने के लिए आप निचे दिए गए वीडियो में देख ले जिससे आप वहां जाने का मन होने लगेगा। 



Tuesday, March 17, 2020

नंदन पहाड़ पर्यटकों का एक अदभुत मनोरंजक एवं दृश्य पर्यटक स्थल


नंदन पहाड़ पर्यटकों का एक अदभुत मनोरंजक एवं दृश्य पर्यटक स्थल 

नंदन पहाड़ कई सालों से पर्यटकों को अपनी और आकर्षित करता रहा है। क्योकि यहाँ की प्राकृतिक दृश्य और मन को मोहने के लिए वातावरण प्रयाप्त है, यहाँ जो भी पर्यटक दृस्य अवलोकन के  लिए आते हैं। वो मंत्र मुग्ध हो जाते हैं, उन्हें बार बार इस दृस्य का स्मृतियाँ उसके मन में घर कर जाती है , क्योंकि नंदन पहाड़ का दृश्य मानव निर्मित है , वह की पहाड़ की ऊंचाई ज्यादा तो नहीं फिर भी वहां का प्राकृतिक वातावरण ही कुछ ऐसा ख़ास है जिससे मन वहां जाने के लिए बार बार लालायित होते रहती हैं, लाखों पर्यटक नंदन पहाड़ हमेशा घूमने के लिए जाते रहते हैं, वहां मनोरंजन के लिए आप बच्चों को छुट्टी में ले जा सकते हैं , उसका मन पूरा रम जाएगा , तथा आपका का मन भी उस पहाड़ में खाफी रम जाएगा। व्यस्को के लिए प्राकृतिक छटा ही उसके मन को खुश कर देता है। वहां देखने के लिए रंग बिरंगे फूल तथा बोन्साई के पौधे वयस्कों के लिए बहुत ही मनोरंजक हैं। 

बच्चों के लिए भूत घर , झूला , और कई तरह के बच्चों के लिए मनोरजन के लिए  जगह है।  जिससे बच्चों का पूरा मन रम जातें हैं। 

हंसी का घर बच्चों के लिए भी मनोरंजन के लिए बहुत ही आकर्षण का केंद्र हैं ,कुलमिलाकर नंदन पहाड़ पर्यटकों के लिए एक प्राकृतिक दृस्टि से मनोरंजन का प्रमुख केंद्र है। 

Tuesday, March 3, 2020

"बैजनाथ धाम" झारखण्ड के भगवान शिव का विश्व प्रसिद्ध मंदिर

"बैजनाथ धाम" झारखण्ड के भगवान शिव का विश्व प्रसिद्ध मंदिर 
झारखण्ड राज्य के विश्व प्रसिद्ध भगवान  शिव के मंदिर विश्व  में एक अलग ही पहचान हैं। भारत धर्म विविधता देश है, भारत में कई धार्मिक संप्रदाय के लोगों का निवास स्थान है , भारत में शिव के कई मंदिर हैं, पर शिव के बारह ज्योतिर्लिंग पुरे विश्व में पाए जाते हैं,लोगों में अथाह विश्वास से इन ज्योतिर्लिगों में सदियों से भक्तों का भीड़ लगा रहता है, इन्ही बारह ज्योतिर्लिंगों में से बाबा बैजनाथ धाम भी विश्व में एक अलग ही स्थान हैं। करोड़ों लोग पुरे साल भर  जलार्पण करते रहते है।  बाबा बैजनाथ धाम झारखण्ड के देवघर  जिला में  स्थित है। त्रेता युग में जब रावण ने शिव को प्रसन्न कर लंका को ले जा रहे थे तब शिव के कृपा से शिव ने अपने स्थान देवगढ़ यानि देवघर में अपने आप को स्थापित कर लिया।  रावण के लाख परिश्रम से शिव लिगं नहीं उठा। और तब से वह स्थान देवगढ़ से देवघर हो गया।  पूर्व समय में बैजू नमक व्यक्ति के नाम से बैजनाथ धाम नाम हो गया। पुराणों में यह कथा वर्णित है। 
बैजनाथ धाम में श्रावण महीने में एक महीने का विश्व का सबसे लम्बा मेला लगता है, इस मेला श्रद्धालु माँ गंगा भागलपुर से जोकि एक सौ पांच किलोमीटर की दुर से  पैदल यात्रा करके  कँवर में गंगा जल भरकर ला कर बैजनाथ धाम में शिव लिंग में अर्पण करते हैं। 
निचे के वीडियो में आप भगवांन शिव के मंदिर का दर्शन कर सकते है और इस वीडियो में बैजनाथ की कहानी को भी बताया गया है। 

देवघर के क्षेत्र में पर्यटन स्थल जो कई कहानियों को समेटे हुए हैं


देवघर शहर के आसपास और भी पर्यटन स्थल देख सकते हैं, जैसे नौलाख मंदिर , नंदन पहाड़ जो देवघर में स्थित है, नौलाख मंदिर का इतिहास भी काफी पुराना है। सदियों से पर्याटकों का ताँता लगा रहता है। कोई इतिहास से सम्बंधित जानकारी इकठा करता हुआ आप इन पर्यटक स्थलों में देख सकते है।  कई कला प्रेमी या भगवान् शिव के भक्त इन स्थलों में इतिहास से रूबरू होते हैं। उसी तरह नंदन पहाड़ भी पर्यटकों के लिए एक रोमांचक पर्यटक है। नंदन पहाड़ में दिनभर कई पर्यटक आपना समय बिताते हैं। यहाँ आप मनोरंजन का कई साधन को देख सकेंगे , खासकर बच्चे और बड़े भी इस पर्यटक स्थल में आते है। यहाँ  भूत घर , झूला और सबसे मनोरम यहाँ आप डूबते हुए सूरज का सुन्दर नजारा देख सकते हैं। नौलखा मंदिर की बनावट सैली लोगों में ख़ास आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। इस वीडियो में आप नौलखा मंदिर का बारे में पुरे जानकारी ले सकते हैं। 






Wednesday, February 26, 2020

त्रिकुट पर्वत आकर्षक प्राकृतिक दृश्य सैलानियों को कैसे आकर्षित करता है

त्रिकुट पर्वत आकर्षक प्राकृतिक दृश्य सैलानियों को कैसे आकर्षित करता है। 
त्रिकूट पर्वत प्राकृतिक दृश्य के लिए बहुत ही आकर्षण का केंद्र है। यह देवघर दुमका पथ मार्ग पर स्थित है।  यह पर्वत सड़क से ही इसकी आकर्षण दिखने लग जाता है।  देवघर दुमका के पथ में घोरमारा से ठीक तीन किलोमीटर पश्चिम की ओर , देवघर से पंद्रह किलोमीटर पूर्व की ओर पूर्व की और स्थित है. 
यह पहाड़ तीन पर्वत श्रृंखला से मिलकर बना है , इसलिए इस पर्वत का नाम त्रिकूट पर्वत नाम पड़ा है. यहाँ का प्राकृतिक दृश्य पर्यटकों को हमेशा सालोंभर आकर्षित करते रहता है. पर्यटक जब देवघर बोलबम आते हैं। तो त्रिकूट पर्वत का प्राकृतिक नजारा पर्यटकों को अपनी और घींच लाता है। त्रिकूट पर्वत के जंगलों में कई तरह का आयुर्वेदिक पेड़ पौधों भंडार है। पर्वत में आप कई तरह के बड़े छोटे गुफा का दर्शन कर सकते है। यहाँ आप का मन को प्रफुलित करेगा , अनेकों प्रकार के छोटे छोटे जीव भी देख सकते है। यहाँ आप पैदल भी पहाड़ पर चढ़ाई कर सकते है , और यहाँ पहाड़ का नजारा का लुफ्त उठा सकते हैं। 
प्राकृति की सुंदरता :- रंग बिरंगे पक्षियों की मधुर ची ची की शोरगुल, पर्वत के ऊपर बहते हवा के झोंके , हवा से बार बार पेड़ो की झुकना , बंदरो का अठखेलियों का खेल , जड़ीबूटियों का सुगंध लिए हवा के झोंका मन के तरंगो को झकझोर कर मन को बार बार प्रसन्नचित कर देता हैं। सदियों से ही बनी हुए पहाड़ो के गुफा, न जाने कितने कहानियों को समेटे हुए , कहानी को प्रगट करता है। जीवन में सकूँन और शांति शायद हर इंसान ढूंढ़ता फिरता है , वो शांति आपको यहाँ आकर मिलेगी।  

ज्यादा जानने के लिए निचे वीडियो देखें 

गगनखटोला पर्यटकों का आकर्षण का केंद्र  (रोपवे का आनंद) 
त्रिकूट पर्वत में गगनखटोला का एक गजब का आकर्षण का केंद्र है , इस रोपवे से आप पुरे त्रिकूट पर्वत का आनंद ले सकते हैं, रोपवे से आप पर्यावरण का भरपुर आनंद ले सकते हैं, रोपवे से आप त्रिकूट के ऊपर से पुरे मनोरंजन कर सकते, साहसिक पर्यटन से जीवन के सारे डर दूर हो जाते हैं। रोप वे का किराया मात्र १५० रुपए हैं, एक व्यक्ति का रोपवे किराया १५० रूपए में आप रोपवे का भरपूर आनंद उठा सकते हैं, देवघर के क्षेत्र में आप रोपवे का आनंद ले सकते है, इस तरह त्रिकूट पर्वत झारखण्ड के देवघर क्षेत्र में बहुत प्रसिद्ध है। ज्यादा जानकारी के लिए आप इस वीडियो में त्रिकूट का ज्यादा नजारा ले सकते हैं-



Friday, January 24, 2020

Basukinath is the famous God shiva temple story

बासुकीनाथ धाम भगवान शिव का मंदिर की कहानी
आज से लगभग २०० साल पहले बासुकीनाथ मंदिर का स्थापना हुई थी। यहाँ की कहानी बहुत ही अनसुलजी है. यहाँ साल में ३० दिनों की श्रावण मास में बहुत बड़ा मेला लगता है. पुरे भारत देश से यहाँ धार्मिक उत्सव के लिए पर्यटकों का करोड़ो में भीड़ लगता है. पूरा बासुकीनाथ नगरी गेरुए रंग से पट जाता है. सभी गेरुए पर्यटक कन्धों में कांवर लिए कांवर को लचकाते हुए चलते हैं. कांवर के दोनों बगल डब्बे में गंगा जल लिए बाबा बासुकीनाथ के ऊपर जल चढ़ाने के लिए आते हैं. यह दृश्य बहुत ही मनमोहक लगता है. नजारा ऐसा दीखता है मानो पुरे बासुकीनाथ एरिया में गेरुए रंग बिखरे पड़े हैं.
यहाँ बासुकीनाथ मंदिर में भगवान शिव का मंदिर है। बासुकी नाम के व्यक्ति के नाम से पड़ा , कथा किवदंती के अनुसार एक दिन बासुकी अपनी जानवरों को दारुक वन में चरा रहा था , एक गाय अपने थन से दूध को एक जगह गिरा रही थी। ऐसे ही वो गाय रोज थन का दुध दारुक वन के उसी स्थान पर रोज दुध गिरा देती बासुकी को जब यह पता चला की यह गाय दूध को इसी स्थान पर रोज गिरा देती है।  तो उसे यह जानकार बहुत ताज्जुब हुआ। एक दिन बासुकी घर पर नींद में सो रहा था।  तभी उसे शंकर जी सपने में आये और उससे कहा देखो बासुकी जहाँ गाय दुध गिराती है। उस स्थान पर में निवास करता हूँ। दूसरे दिन बासुकी दारुक वन में उसी पेड़ के निचे गया और पेड़ के पास खुदाई किया।  उसने देखा की वहां एक शिव लिंग दफना हुआ है उसने उसी जगह पर शिव लिंग की स्थापना कर उसकी पूजा पाठ में लग गया उसी दिन से उस स्थान में लोग पूजा पाठ करने लगे और इस तरह यह स्थान काफी प्रकाश में आ गया। बासुकी नामक इस व्यक्ति के नाम से ही इस स्थान का नाम बासुकीनाथ धाम हो गया। और तब से इस स्थान पर यहाँ करोड़ो पर्यटक श्रावण मास में शिव जी को गंगा जल अर्पित करने के लिए आते रहते हैं।
बासुकीनाथ धाम से माँ गंगा घाट से काँवरिया अपने काँवर में गंगा जल भर कर एक सौ पांच किलोमीटर पैदल चलकर , बोलबम बोलबम बोलते हुए बासुकीनाथ जल को शिव को अर्पित करने के लिए आते हैं। हरेक श्रद्धालु किसी न किसी मनोकामना लिए शिव को गंगा जल अर्पित करने के लिए आते हैं।
श्रावण मॉस में करोड़ो श्रद्धालु देश के कोने कोने से बासुकीनाथ में जल चढाने के लिए आते रहते हैं।
बासुकीनाथ धाम से दुमका देवघर पथ में कई पर्यटक स्थल देखने को मिलेंगे। त्रिकुटी पर्वत पर्यटकों के लिए ख़ास पर्यटन गंतव्य हैं।  पर्यटक त्रिकूट पर्वत में दृश्य का  आनंद लेते हैं. आप वहां रोपवे का आनंद ले सकते हैं. त्रिकूट से आगे देवघर में शिव का प्राचीन मंदिर है।  वहां भी सालों भर श्रद्धालु का ताँता लगा रहता हैं. देवघर में विश्वप्रसिद्ध श्रावण मेला लगता हैं. श्रावण मॉस में वहां भी श्रद्धालु काँवर लेके शिव को गंगा जल अर्पित करने के लिए आते रहते हैं।



Monday, January 20, 2020

Marriage before Sungod Balipratha Ritual

विवाह पुर्व बलिप्रथा 

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Marriage before bali Pratha law

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